सेवा परमों धर्म ट्रस्ट, उदयपुर के ’अपना घर’ में आवासिय, मुकबधिर, निराश्रित एवं विकलांग बच्चों ने राणा प्रताप नगर हवाई अड्डा पर अपने प्रशिक्षकों के साथ बाॅलीवुड अभिनेता सलमान खान एवं अनुपम खेर से मुम्बई लौटते हुए 11 मार्च 2015 को भेट की। संस्थान निदेशक श्रीमती वन्दना अग्रवाल ने बताया कि दोनों अभिनेताओं ने बच्चों से उनकी शिक्षा और रूचियों को लेकर कुछ मिनट बातचीत की। इस अवसर पर पलक, महर्षि उपस्थित थे।
This NGO is established in 1985, since then it is working for poor, disabled and needy people not only from India but also foreign countries. Help these people and support us. Your contribution is always appreciated. Your little share can bring happiness in someones life.
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Friday, March 13, 2015
Saturday, January 3, 2015
कृतज्ञता दिवस के रूप में मनाया कैलाश ’मानव’ का जन्म दिवस
नारायण सेवा संस्थान के संस्थापक चेयरमैन श्री कैलाश ’मानव’ का 67वां जन्म दिवस कृतज्ञता-दिवस के रूप में बड़े धूमधाम से मनाया गया। देश-विदेश से आए सैकड़ों साधक-साधिकाओं एवं रोगियों के परिजनों ने भी हार्दिक बधाई दी एवं दीर्घायु की कामना की।
उदयपुर के बड़ी स्थित लियों का गुड़ा गांव के चैराहे से संस्थापक-चेयरमैन कैलाश मानव एवं सह संस्थापिका श्रीमती कमला देवी को सजी धजी बग्गी में बैठाकर दानदाताओं एवं रोगियों के परिजनों ने जयकारों के नारों तथा राजस्थानी एवं गुजराती भजनों की धुन पर नृत्य करते हुए डेढ किलोमीटर दूरी पार करते हुए सेवा महातीर्थ ले जाया गया। लियों का गुड़ा क्षेत्र पूरी तरह भक्तिमय हो गया। सेवा महातीर्थ पहुंचने पर संस्थान अध्यक्ष श्री प्रशान्त अग्रवाल एवं निदेशक श्रीमती वन्दना अग्रवाल ने पूज्य कैलाश मानव का हार्दिक स्वागत करते हुए उन्हें राजेन्द्र हाॅल के मंच पर राष्ट्रीय पत्रकार परिषद के सदस्य पारख सहित संस्थान के वरिष्ठ साधकों एवं दानदाताओं ने गुलदस्तों और फुल मालाओं से लाद दिया। इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष श्री प्रशान्त अग्रवाल ने कहा कि मानव साहब मेरे पिताश्री ही नहीं है अपितु वे मेरे गुरू भी है, उन्होंने कहा कि एक पुत्र अपने पिता की बात टाल सकता है परन्तु एक शिष्य अपने गुरू की आज्ञा की अवहेलना नहीं कर सकता । आज सेवा के एक छोटे से पौधे ने विशाल वृक्ष का रूप धारण कर लिया है। संस्थान निदेशक श्रीमती वन्दना अग्रवाल ने कहा कि आज हमारे बाऊजी को ’’सेवा वाले बाऊजी’’ के नाम से जाना जाता है । आज मैं इन्हीं के मार्ग दर्शन पर सेवा कार्य करने का संकल्प लिए हुए चल रही हूँ। निदेशक श्री देवेन्द्र चैबीसा ने कहा कि हम रहे या न रहे लेकिन नारायण सेवा की दीप की ज्योति जो मानव साहब ने जलाई है वह निरन्तर जलती रहे। मानव साहब मानवता के प्रति एक समर्पित व्यक्ति ही नहीं अपितु वे स्वयं अपने आप में एक संस्था है।
इस अवसर पर कैलाश मानव ने सभी वयक्तियों के प्रति हार्दिक कृतज्ञता ज्ञापित कर कहा कि मैंने सदैव गुलाब के पौधे से गुलाब का पुष्प चुना है काँटा नहीं, मैने काँटों की तरफ कभी भी ध्यान नहीं दिया। जीवन में आनन्द उठाना है तो प्रेम, स्नेह
एवं सेवा का भाव रखों वास्तविक आनन्द इन्हीं में है न की तनाव और क्रोध में । इस अवसर पर कैलाश मानव ने संस्थान के स्थापना के शेशवाकाल के सदस्यों दिवंगत डाॅ. आर.के. अग्रवाल, चैनराज लौढा, राजमल जैन सहित सभी वर्तमान दानदाताओं, साधकों एवं रोगियों के प्रति हार्दिक कृतज्ञता ज्ञापित की। कार्यक्रम का संचालन महिम जैन ने किया।
उदयपुर के बड़ी स्थित लियों का गुड़ा गांव के चैराहे से संस्थापक-चेयरमैन कैलाश मानव एवं सह संस्थापिका श्रीमती कमला देवी को सजी धजी बग्गी में बैठाकर दानदाताओं एवं रोगियों के परिजनों ने जयकारों के नारों तथा राजस्थानी एवं गुजराती भजनों की धुन पर नृत्य करते हुए डेढ किलोमीटर दूरी पार करते हुए सेवा महातीर्थ ले जाया गया। लियों का गुड़ा क्षेत्र पूरी तरह भक्तिमय हो गया। सेवा महातीर्थ पहुंचने पर संस्थान अध्यक्ष श्री प्रशान्त अग्रवाल एवं निदेशक श्रीमती वन्दना अग्रवाल ने पूज्य कैलाश मानव का हार्दिक स्वागत करते हुए उन्हें राजेन्द्र हाॅल के मंच पर राष्ट्रीय पत्रकार परिषद के सदस्य पारख सहित संस्थान के वरिष्ठ साधकों एवं दानदाताओं ने गुलदस्तों और फुल मालाओं से लाद दिया। इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष श्री प्रशान्त अग्रवाल ने कहा कि मानव साहब मेरे पिताश्री ही नहीं है अपितु वे मेरे गुरू भी है, उन्होंने कहा कि एक पुत्र अपने पिता की बात टाल सकता है परन्तु एक शिष्य अपने गुरू की आज्ञा की अवहेलना नहीं कर सकता । आज सेवा के एक छोटे से पौधे ने विशाल वृक्ष का रूप धारण कर लिया है। संस्थान निदेशक श्रीमती वन्दना अग्रवाल ने कहा कि आज हमारे बाऊजी को ’’सेवा वाले बाऊजी’’ के नाम से जाना जाता है । आज मैं इन्हीं के मार्ग दर्शन पर सेवा कार्य करने का संकल्प लिए हुए चल रही हूँ। निदेशक श्री देवेन्द्र चैबीसा ने कहा कि हम रहे या न रहे लेकिन नारायण सेवा की दीप की ज्योति जो मानव साहब ने जलाई है वह निरन्तर जलती रहे। मानव साहब मानवता के प्रति एक समर्पित व्यक्ति ही नहीं अपितु वे स्वयं अपने आप में एक संस्था है।
Friday, December 12, 2014
23 वें निःशुल्क, निर्धन, निःशक्तजन एवं सर्वधर्म सामूहिक विवाह समारोह
नारायण सेवा संस्थान, उदयपुर द्वारा 23 वां निःशुल्क,निःशक्तजन एवं
सर्वधर्म सामूहिक विवाह 13-14 दिसम्बर 2014 को 51 विकलांग जोड़े
सेवामहातीर्थ लियो का गुड़ा बड़ी में विवाह बंधन में बंधेंगे।
नारायण सेवा संस्थान विकलांगों के आॅपरेशन के बाद उन्हें रोजगारमुखी व्यवसायिक प्रशिक्षण जैसे सिलाई कम्प्यूटर, मोबाईल रिपेयरिंग इत्यादि प्रशिक्षण निःशुल्क प्रदान कर वंचित जनों केा स्वावलम्बी तथा आत्म निर्भर बनाने का सघन प्रयास किया जाता है ताकि वंचितजन अपने स्वयं तथा परिवार का भरण-पोषण बिना किसी परेशानी के कर सके। संस्थान द्वारा इन निर्धन असहाय व्यक्तियों के लिए अखिल भारतीय स्तर पर वर्ष में 2 बार निःशुल्क सामूहिक विवाह का आयोजन किया जाता है। जिससे यह अपने वैवाहिक जीवन के साथ समाज की मुख्यधारा से जुड़े रहे ।
इस आयोजन की सफलता हेतु संस्थान संस्थापक पुज्य श्री कैलाश मानव के मार्गदर्शन तथा संस्थान के अध्यक्ष श्री प्रशान्त अग्रवाल की अगुवाई में विवाह से सम्बन्धित व्यवस्था को सुदृढ बनाने के लिए लगभग 2 दर्जन से अधिक समितियों का गठन किया है जिसमें- विवाह पंजीकरण, पूछताछ, आयोजन, स्वागत, यातायात, भोजन महाप्रसाद, जल व्यवस्था, पाणिग्रहण, गंगोत्री, मेहन्दी रस्म, उपहार, सफाई, साउण्ड़,सम्मान समारोह, चिकित्सा, सुरक्षा,फोटो ग्राफी एवं विडि़यों ग्राफी इत्यादि समितियाँ गठित कर प्रभारी नियुक्त कर दिए गए है।
नारायण सेवा संस्थान विकलांगों के आॅपरेशन के बाद उन्हें रोजगारमुखी व्यवसायिक प्रशिक्षण जैसे सिलाई कम्प्यूटर, मोबाईल रिपेयरिंग इत्यादि प्रशिक्षण निःशुल्क प्रदान कर वंचित जनों केा स्वावलम्बी तथा आत्म निर्भर बनाने का सघन प्रयास किया जाता है ताकि वंचितजन अपने स्वयं तथा परिवार का भरण-पोषण बिना किसी परेशानी के कर सके। संस्थान द्वारा इन निर्धन असहाय व्यक्तियों के लिए अखिल भारतीय स्तर पर वर्ष में 2 बार निःशुल्क सामूहिक विवाह का आयोजन किया जाता है। जिससे यह अपने वैवाहिक जीवन के साथ समाज की मुख्यधारा से जुड़े रहे ।
इस आयोजन की सफलता हेतु संस्थान संस्थापक पुज्य श्री कैलाश मानव के मार्गदर्शन तथा संस्थान के अध्यक्ष श्री प्रशान्त अग्रवाल की अगुवाई में विवाह से सम्बन्धित व्यवस्था को सुदृढ बनाने के लिए लगभग 2 दर्जन से अधिक समितियों का गठन किया है जिसमें- विवाह पंजीकरण, पूछताछ, आयोजन, स्वागत, यातायात, भोजन महाप्रसाद, जल व्यवस्था, पाणिग्रहण, गंगोत्री, मेहन्दी रस्म, उपहार, सफाई, साउण्ड़,सम्मान समारोह, चिकित्सा, सुरक्षा,फोटो ग्राफी एवं विडि़यों ग्राफी इत्यादि समितियाँ गठित कर प्रभारी नियुक्त कर दिए गए है।
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