Saturday, September 4, 2010

मुस्कान



मुस्कान कि कोई कीमत नही होती, मगर यह बहुत कुछ रचती हैं , यह पाने वाले को खुशहाल करती हैं , देणे वाले का कुछ घटता नही यह क्षणिक होता हैं लेकीन यह यादों में सदा के लिये रह सकती हैं | कोई इतना अमीर नही कि इसके बगैर काम चला ले, और कोई इतना गरीब नही कि इसके फायदो को पा सके यह घर मी खुशहाली लाती हैं , व्यापार में ख्याती बढ़ाती हैं और यह दोस्तो कि पहचान हैं |

यह थके हुओं के लिये आराम है , निराश लोगो के लिये रोशनी, उदास के लिये सुनहरी धूप, और हर मुश्कील के लिये कुदरत की सबसे अच्छी दवा | तब भी न तो भीख में , न खरीदने से न उधार मांगने से और चुराने से मिलती है , क्योंकी यह एक ऐसी चीज है जो जब तक किसी काम की नही, जब तक आप इसे किसी को दे न दें |

दिन-भर की भाग- दौड में कुछ परिचित हो सकते है कि इतने थके हों कि मुस्करा न सके | तो उन्हे अपनी हि मुस्कान दीजिए |
किसी को मुस्कान की उतनी जरुरत नही होती जितनी कि उसे , जो खुद किसी को अपनी मुस्कान न दे सके |

आपका आपना,

कैलाश 'मानव'

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