Monday, May 25, 2015

साथ पाकर निहाल हुई जिन्दगी -नारायण सेवा संस्थान में 53 विकलांग व निर्धन जोड़ों ने थामा एक दूसरे का हाथ

 ’वे निःशक्त भले ही है, लेकिन समाज का अभिन्न हिस्सा है। इन्हें भी जिन्दगी का हर लम्हा खुशी से गुजारने का पूरा हक है।’ यह सन्देश दिया नारायण सेवा संस्थान में रविवार को आयोजित 24वें निःशुल्क निःशक्त व निर्धन सर्वधर्म सामूहिक विवाह समारोह में संस्थान के बड़ी ग्राम स्थित सेवा महातीर्थ परिसर में दो दिवसीय इस विवाह समारोह के दूसरे दिन 53 जोड़ों ने परिणय सूत्र में बंधकर अपनी जिन्दगी में नये रंग भरने की शुरूआत की। इनमें 30 विकलांग व 23 निर्धन जोड़े थे। जिन्होंने शायद ही कभी यह कल्पना की हो कि जीवन साथी के संग चलने के यह पल उन्हें नसीब होंगे।

    संस्थान संस्थापक पदम्श्री कैलाश ‘मानव’, सह संस्थापिका श्रीमती कमला देवी अग्रवाल, अन्तर्राष्ट्रीय वैश्य फेडरेशन के कार्यकारी अध्यक्ष श्री सत्यभूषण जैन, नई दिल्ली के भागवताचार्य श्री दयालु जी महाराज, अणुव्रत समिति के अध्यक्ष श्री गणेश डागलिया व संस्थान अध्यक्ष श्री प्रशान्त अग्रवाल ने भगवान गणपति के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर विवाह समारोह का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर देश के विभिन्न भागों से आए करीब एक हजार अतिथियों की मौजूदगी में इन नवयुगलों ने पवित्र अग्नि के फेरे लेकर आजीवन एक दूसरे का साथ निभाने का संकल्प लिया। इस दौरान वेद मंत्रों के समवेत स्वरों से सेवा महातीर्थ के इर्द गिर्द अरावली पर्वत श्रृंखलाएं भी गुंजायमान हो उठी और हजारों हाथ इन्हे आशीष देने के लिए उठ गए।


मंत्रियों की मंगलकामनाएं - केन्द्रीय मंत्री डाॅ. हर्षवर्धन, राजस्थान के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री डाॅ. राजेन्द्र सिंह राठौड़, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरूण चतुर्वेदी तथा मुख्य सचिव सी.एस.राजन के शुभकामना संदेश का वाचन श्रीमती वन्दना अग्रवाल ने किया।

शिव बारात - विशाल मंच पर अतिथियों के दांई-बायी ओर राजस्थान, गुजरात, उडीसा, उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश आदि राज्यों से आए दुल्हा और दुल्हन विवाह की पारम्परिक वेशभूषा में आसीन थे। मंच पर दिल्ली के कलाकारों ने 30 मिनट की ‘शिव बारात’ नृत्य नाटिका प्रस्तुत की। जिस पर पूरा पाण्डाल झूम उठा।
हाइड्रोलिक स्टेज पर वर माला- विवाह के लिए 90ग200  वर्ग फिट क्षेत्र में निर्मित विशाल सज्जित पाण्डाल में सभी जोड़ों के लिए अलग-अलग वेदियां बनाई गई थी। पाण्डाल के बायीं ओर घूमता हुआ हाईड्रोलिक स्टेज था जिस पर क्रम वार दुल्हा-दुल्हनों ने परस्पर वरमाला डाली।
इस दौरान उन पर गुलाब की पंखुरियों की वर्षा होती रही। स्टेज पर कोई पालकी में तो कोई डोली में आई। प्रमुख आचार्य पण्डित लोकेश पालीवाल के नेतृत्व में प्रत्येक वेदी पर पण्डितों ने शास्त्रोक्त विधी से सात फेरों के बाद उन्हें आठवंे फेरे के रूप में ‘बेटी बचाओ’ का संकल्प कराया। इससे पूर्व दुल्हों ने विवाह मण्डप के मुख्य द्वार पर तोरण मारने की परम्परागत रस्म का निर्वाह किया।


कन्यादान- फेरों के पश्चात देश के विभिन्न भागों से आए अतिथियों ने धर्म माता-पिता के रूप में मंगल सूत्र, पायल, बिच्छीया, कर्ण फूल, नाक की लोंग आदि के साथ कन्यादान की रस्म पूरी की। संस्थान की ओर से भी नवयुगलों को अपनी गृहस्थी बसाने के लिए बर्तन, अलमारी, पंखे, घड़ी वर-वधुओं के लिए वेष व अन्य आवश्यक सामग्री भेट की गई।
ऐसे भी थे नवयुगल- वधु एक हाथ से तो दुल्हा एक पैर से वंचित। वधु विकलांग तो दुल्हा सकलांग। जय भगवान व प्रतिभा दोनों ही विकलांग। हाथ पांव से घिसट कर बैठे-बैठे सरकने वाले वर-वधुओं ने भी जिन्दगी की नई शुरूआत की।
कई नवयुगलों का परिचय तो संस्थान में निःशुल्क विकलांगता सुधार, आॅपरेशन के दौरान हुआ और यही उन्होंने स्वरोजगारोन्मुखी मोबाईल रिपेयरिंग, सिलाई प्रशिक्षण व कम्प्यूटर प्रशिक्षण लेकर आत्म निर्भरता की आधारशिला रखी।
पूर्व विवाहित जोड़े भी आए- इस विवाह समारोह में वे जोड़े भी आए जिन्होंने पूर्व के विवाह समारोह में एक दूसरे का हाथ थामा था और अब वे अपने बच्चो के साथ प्रसन्न है। संस्थान के 15वें सामूहिक विकलांग विवाह समारोह में परिणय सूत्र में बंधने वाले गुडगांव के सोमवीर व उनकी अद्र्धागिंनी कविता ने भी सिकरत की। सोमवीर ने बताया कि सन 2007 में जब वह पोलियों आॅपरेशन के लिए संस्थान में आए थे, जीवन में गहन निराशा थी। घर गृहस्थी की उम्मीद लगभग धुमिल थी। आॅपरेशन के बाद जीवन में ऐसा मोड आया कि उन्हें संस्थान ने आॅपरेशन के दौरान ही जीवन साथी मिल गया। यहीं उन्होंने सिलाई का प्रशिक्षण प्राप्त किया और आज वे अपने शहर में टेलरिंग शाॅप खोल कर गृहस्थी की गाड़ी खुशी से खीच रहे है। पांच वर्ष के बच्चे की किलकारियां उन्हें सुकून देती हंै।


अतिथियों का सम्मान -संस्थान संस्थापक श्री कैलाश ‘मानव’ व सह संस्थापिका कमला देवी अग्रवाल के आशीर्वचन के पश्चात संस्थान अध्यक्ष श्री प्रशान्त अग्रवाल, निदेशक श्रीमती वन्दना अग्रवाल, श्री जगदीश आर्य व श्री देवेन्द्र चैबीसा ने वधुओं के धर्म माता-पिताओं को मेवाड़ी पाग पहनाकर सम्मानित किया।
भाव पूर्ण विदाई - फेरों के पश्चात अपरान्ह 3 बजे नवयुगलों को उनके घरों के लिए जब विदाई हुई तब वातावरण अत्यन्त भाव पूर्ण था। सबकी आंखें नम थी । ऐसा लगा मानों वे अपनी ही बेटी को ससुराल के लिए विदा कर रहे है। इन नवयुगलों को गृहस्थी के सामान सहित संस्थान के वाहनों से उनके घर पहुचाया गया। नवयुगलों ने संस्थापक श्री कैलाश मानव व सह संस्थापिका कमला देवी अग्रवाल के चरण स्पर्श कर उनका मंगल आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर संस्थान के वरिष्ठ साधक श्री दल्लाराम पटेल, श्री भगवती मेनारिया, श्री दीपक मेनारिया, श्री राकेश शर्मा, श्री अखिलेश अग्निहोत्री आदि उपस्थित थे। समारोह का संचालन श्री महिम जैन किया ।

Friday, April 10, 2015

Madhuri Heart Operation by Sewa Parmo Dharma



सेवा परमों धर्म ट्रस्ट करवाएगा माधुरी का निःशुल्क आॅपरेशन
        उदयपुर (राजस्थान) की मावली तहसील के घासा गांव निवासी निर्धन परसराम साहु की पुत्री माधुरी को ह्रदय रोग केे आॅपरेशन के लिए सेवा परमों धर्म ट्रस्ट,उदयपुर ने जयपुर स्थित नारायण ह्रदयालय में निःशुल्क आॅपरेशन हेतु भिजवाया।
       माधुरी को ह्रदय रोग की समस्या जन्म से ही है। निर्धन माता-पिता इस बीमारी के बारे में बेखबर थे। पिता परसराम साहु ओटो चालक का कार्य कर अपने परिवार का भरण-पोषण बड़ी मुश्किल से कर पा रहा है। माधुरी (6) गत 1 वर्ष से बुखार एवं थोडा चलने पर श्वास फुलने लगती थी। माता-पिता बीमारी को साधारण समझते हुए उसे सर्दी जुकाम खाँसी की दवाईयां देता रहा। श्वास लेने में ज्यादा परेशानी होने लगी तो बच्ची को उदयपुर के सरकारी व गैर सरकारी अस्पताल में दिखाने पर डाॅक्टरों ने बताया कि माधुरी के दिल में छेद है। इसका एक मात्र इलाज आॅपरेशन है जिसका खर्चा लगभग 1 लाख 50 हजार रूपये है। प्रतिमाह 5-6 हजार रूपये कमाने वाले परसराम के लिए इतनी बड़ी रकम का इंतजाम करना पहाड़ जैसा लगा। परसराम को सेवा परमों धर्म ट्रस्ट के कार्यकर्ता मानसिंह के माध्यम से ट्रस्ट द्वारा जटील रोगों के उपचार में सहायता का पता चला इस पर वह ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री प्रशान्त अग्रवाल से मिलकर बच्ची की बीमारी व घर की आर्थिक स्थिति के बारे में बताया । ट्रस्ट अध्यक्ष ने बच्ची को नारायण ह्रदयालय जयपुर भिजवाया। जहा रोगी व रोगी के परिजनों के आवास तथा भोजन व्यवस्था का खर्च ट्रस्ट द्वारा वहन किया जाएगा।

Wednesday, April 1, 2015

Ketanya Heart Operation By Seva Parmo Dharm



केतन्य के ह्रदय का निःशुल्क आॅपरेशन सेवा परमों धर्म ट्रस्ट द्वारा
        जयपुर (राजस्थान) जिले के गोपालपुरा निवासी जलेश यादव के पुत्र केतन्य (6) को ह्रदय रोग केे आॅपरेशन के लिए सेवा परमों धर्म ट्रस्ट,उदयपुर ने जयपुर स्थित नारायण ह्रदयालय में निःशुल्क आॅपरेशन हेतु भिजवाया।
       केतन्य को बूखार आना, भूख न लगना एवं श्वास फुलना की समस्या होने लगी। बच्चे की तबीयत ज्यादा खराब होने लगी तो बच्चे को सरकारी व गैर सरकारी अस्पताल में दिखाने पर डाॅक्टरों ने जांच कर बताया कि केतन्य के दिल में छेद है। इसका एक मात्र इलाज आॅपरेशन है जिसका खर्च लगभग 2 लाख रूपये तक होगा। मजदूरी कर प्रतिमाह 5-6 हजार रूपये कमाने वाले जलेश यादव के लिए इतनी बड़ी रकम का इंतजाम करना असम्भव था। उन्हें सेवा परमों धर्म ट्रस्ट के निःशुल्क सेवा प्रकल्पों की जानकारी टी.वी. चैनल व समाचार पत्रों के माध्यम से जानकारी मिलने पर वे ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री प्रशान्त अग्रवाल से मिले और बच्चे की बीमारी व घर की आर्थिक स्थिति के बारे में बताया । इस पर संस्थान अध्यक्ष श्री अग्रवाल ने बच्चे को नारायण ह्रदयालय जयपुर भिजवाया। जहां रोगी व रोगी के परिजनों के आवास तथा भोजन व्यवस्था का खर्च ट्रस्ट द्वारा वहन किया जाएगा।

Friday, March 13, 2015

निःशक्त बच्चों ने बाॅलीवुड अभिनेता से भेट की

 सेवा परमों धर्म ट्रस्ट, उदयपुर के ’अपना घर’ में आवासिय, मुकबधिर, निराश्रित एवं विकलांग बच्चों ने राणा प्रताप नगर हवाई अड्डा पर अपने प्रशिक्षकों के साथ बाॅलीवुड अभिनेता सलमान खान एवं अनुपम खेर से मुम्बई लौटते हुए 11 मार्च 2015 को भेट की। संस्थान निदेशक श्रीमती वन्दना अग्रवाल ने बताया कि दोनों अभिनेताओं ने बच्चों से उनकी शिक्षा और रूचियों को लेकर कुछ मिनट बातचीत की। इस अवसर पर पलक, महर्षि उपस्थित थे।


Tuesday, March 3, 2015

नारायण सेवा संस्थान के साधकों ने तिलक होली मनाई

नारायण सेवा संस्थान, उदयपुर के तत्वावधान में संस्थान के लियों का गुडा, बड़ी स्थित सेवा महातीर्थ तथा हिरण मगरी सेक्टर-4 के साधकों ने मंगलवार को तिलक होेली मनाई। संस्थान निदेशक श्रीमती वन्दना अग्रवाल ने बताया कि संस्थान के साधकों द्वारा एक-दूसरे को गुलाल का तिलक लगाकर होली की शुभ कामनाओं का आदान-प्रदान किया और होली के गीतों के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी। इस अवसर पर संस्थान अध्यक्ष श्री प्रशान्त अग्रवाल ने समस्त साधकों को होली की शुभ कामनाएं देते हुए होली पर्व पर पानी का दुरूपयोग न करने का संदेश दिया तथा मिठाईयों का वितरण भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन महर्षि ने किया।

Saturday, January 24, 2015

Shrimad Bhagwat Katha in bardhaman Bengal by Prachi Devi Ji

Watch live telecast on Astha Channel

Organized By: Shree Agarawal Mahila Pragati Club, Asansol West Bengal
Helped by: Narayan Seva Sansthan
Katha Vachak: Pujya Shree Prachi Devi Ji
Date: 27th Jan to 02nd Feb 2015
Time: 03:00 PM to 07:00 PM
Address: Padsiya Football Ground, Padsiya, koleri Asansol West Bengal
Contact Number: +91-294-6622222
Please click on for India Donations:

http://www.narayanseva.org/donation/donation.html

Donors across the World may go to:

http://www.narayanseva.org/donation/foreign-donors.html


Narayan Seva Sansthan is one of the best NGO in India. We are offering free of cost polio, physically disabled or polio treatment in India. We have 800+ bed hospitals for free treatment of polio. We organize free camp for crutches & tricycles distribution & free diagnosis camps also on regular basis in rural area all over India.

Narayan Seva Sansthan organized Shrimad Bhagwat katha function on regular basis. If you are not able to reach that place then you can watch live telecast on Ashta Channel.

If you wish to help such people, we have online payment facility so you can donate online charity  to Narayan Seva Sansthan. We provide calipers, churches, hearing aids, wheel chairs for disabled people that give them physical rehabilitation. For this reason we time to time organize free of cost Disability check up camps all over India.
For more details:


Saturday, January 3, 2015

कृतज्ञता दिवस के रूप में मनाया कैलाश ’मानव’ का जन्म दिवस

नारायण सेवा संस्थान के संस्थापक चेयरमैन श्री कैलाश ’मानव’ का 67वां जन्म दिवस कृतज्ञता-दिवस के रूप में बड़े धूमधाम से मनाया गया। देश-विदेश से आए सैकड़ों साधक-साधिकाओं एवं रोगियों के परिजनों  ने भी हार्दिक बधाई दी एवं दीर्घायु की कामना की। 

           उदयपुर के बड़ी स्थित लियों का गुड़ा गांव के चैराहे से संस्थापक-चेयरमैन कैलाश मानव एवं सह संस्थापिका श्रीमती कमला देवी को सजी धजी बग्गी में बैठाकर दानदाताओं एवं रोगियों के परिजनों  ने जयकारों के नारों तथा राजस्थानी एवं गुजराती भजनों की धुन पर नृत्य करते हुए डेढ किलोमीटर दूरी पार करते हुए सेवा महातीर्थ ले जाया गया। लियों का गुड़ा क्षेत्र पूरी तरह भक्तिमय हो गया। सेवा महातीर्थ पहुंचने पर संस्थान अध्यक्ष श्री प्रशान्त अग्रवाल एवं निदेशक श्रीमती वन्दना अग्रवाल ने पूज्य कैलाश मानव का हार्दिक स्वागत करते हुए उन्हें राजेन्द्र हाॅल के मंच पर राष्ट्रीय पत्रकार परिषद के सदस्य पारख सहित संस्थान के वरिष्ठ साधकों एवं दानदाताओं ने गुलदस्तों और फुल मालाओं से लाद दिया। इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष श्री प्रशान्त अग्रवाल ने कहा कि  मानव साहब मेरे पिताश्री ही नहीं है अपितु वे
मेरे गुरू भी है, उन्होंने कहा कि एक पुत्र अपने पिता की बात टाल सकता है परन्तु एक शिष्य अपने गुरू की आज्ञा की अवहेलना नहीं कर सकता । आज सेवा के एक छोटे से पौधे ने विशाल वृक्ष का रूप धारण कर लिया है। संस्थान निदेशक श्रीमती वन्दना अग्रवाल ने कहा कि आज हमारे बाऊजी को ’’सेवा वाले बाऊजी’’ के नाम से जाना जाता है । आज मैं इन्हीं के मार्ग दर्शन पर सेवा कार्य करने का संकल्प लिए हुए चल रही हूँ। निदेशक श्री देवेन्द्र चैबीसा ने कहा कि हम रहे या न रहे लेकिन नारायण सेवा की दीप की ज्योति जो मानव साहब ने जलाई है वह निरन्तर जलती रहे। मानव साहब मानवता के प्रति एक समर्पित व्यक्ति ही नहीं अपितु वे स्वयं अपने आप में एक संस्था है।

           
इस अवसर पर कैलाश मानव ने सभी वयक्तियों के प्रति हार्दिक कृतज्ञता ज्ञापित कर कहा कि मैंने सदैव गुलाब के पौधे से गुलाब का पुष्प चुना है काँटा नहीं, मैने काँटों की तरफ कभी भी ध्यान नहीं दिया। जीवन में आनन्द उठाना है तो प्रेम, स्नेह
एवं सेवा का भाव रखों वास्तविक आनन्द इन्हीं में है न की तनाव और क्रोध में । इस अवसर पर कैलाश मानव ने संस्थान के स्थापना के शेशवाकाल के सदस्यों दिवंगत डाॅ. आर.के. अग्रवाल, चैनराज लौढा, राजमल जैन सहित सभी वर्तमान दानदाताओं, साधकों एवं रोगियों के प्रति हार्दिक कृतज्ञता ज्ञापित की। कार्यक्रम का संचालन महिम जैन ने किया।