संस्थान के निराश्रित बच्चों ने रंगारंग प्रस्तुतियां दी
नारायण सेवा संस्थान के ’अपना घर’ के निराश्रित, मुक बधिर, प्रज्ञाच़क्षु बच्चों ने बाल दिवस एवं चाचा नेहरू के 125 वीं जयन्ति के अवसर पर रंगा रंग प्रस्तुतिया प्रस्तुत की। कार्यक्रम का शुभारम्भ बालगृह के बच्चों ने दीप प्रज्ज्वलीत कर शुभारम्भ किया।
बाल दिवस के अवसर पर संस्थान के संस्थापक-चेयरमैन श्री कैलाश मानव के मार्गदर्शन में निराश्रित बालगृह के बच्चों ने विभिन्न रंगारंग कार्यक्रम में मनमोहक प्रस्तुतियां देकर चाचा नेहरू का याद किया। देश के विभिन्न क्षेत्रों से पधारे संस्थान सहयोगकर्ताओं का संस्थान के अध्यक्ष श्री प्रशान्त अग्रवाल ने विनोद चैकसी, मिनाक्षी चैकसी, जयन्ति कडेचा,भंवर पालीवाल, मुकेश शर्मा, संदीप पारिक, रानी दुलानी मुम्बई, भावनाबेन मुम्बई का पारम्परिक मेवाड़ी पगड़ी, उपरणा एवं प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित कर स्वागत किया।
संस्थान अध्यक्ष श्री प्रशान्त अग्रवाल ने बताया कि देश की आजादी के बाद राष्ट्र के सर्वांगिण विकास के लिए भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से सरकारी संयुक्त उद्योग-धन्धों की स्थापना कर देश की आर्थिक विकास का शुभारम्भ किया जिसे आज राष्ट्र भूल नहीं सकता। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक उद्योग ऐसे मन्दिर-मस्जिद है जहाँ मानवता के कल्याण का कार्य किया जाता है।
इसी क्रम में नारायण सेवा संस्थान भी मुक बधिर, निराश्रित, विकलांग, प्रज्ञा चक्षु इत्यादि की सहायता कर मानव कल्याण में सहयोग प्रदान करता है। इस अवसर पर संस्थान द्वारा विभिन्न प्रतियोगिता में विजेता बच्चों को संस्थान निदेशक श्रीमती वन्दना अग्रवाल ने पुरस्कार प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन चन्द्रशेखर एवं संयोजन यशोदा पणिया ने किया।
बाल दिवस के अवसर पर संस्थान के संस्थापक-चेयरमैन श्री कैलाश मानव के मार्गदर्शन में निराश्रित बालगृह के बच्चों ने विभिन्न रंगारंग कार्यक्रम में मनमोहक प्रस्तुतियां देकर चाचा नेहरू का याद किया। देश के विभिन्न क्षेत्रों से पधारे संस्थान सहयोगकर्ताओं का संस्थान के अध्यक्ष श्री प्रशान्त अग्रवाल ने विनोद चैकसी, मिनाक्षी चैकसी, जयन्ति कडेचा,भंवर पालीवाल, मुकेश शर्मा, संदीप पारिक, रानी दुलानी मुम्बई, भावनाबेन मुम्बई का पारम्परिक मेवाड़ी पगड़ी, उपरणा एवं प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित कर स्वागत किया।
संस्थान अध्यक्ष श्री प्रशान्त अग्रवाल ने बताया कि देश की आजादी के बाद राष्ट्र के सर्वांगिण विकास के लिए भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से सरकारी संयुक्त उद्योग-धन्धों की स्थापना कर देश की आर्थिक विकास का शुभारम्भ किया जिसे आज राष्ट्र भूल नहीं सकता। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक उद्योग ऐसे मन्दिर-मस्जिद है जहाँ मानवता के कल्याण का कार्य किया जाता है।
इसी क्रम में नारायण सेवा संस्थान भी मुक बधिर, निराश्रित, विकलांग, प्रज्ञा चक्षु इत्यादि की सहायता कर मानव कल्याण में सहयोग प्रदान करता है। इस अवसर पर संस्थान द्वारा विभिन्न प्रतियोगिता में विजेता बच्चों को संस्थान निदेशक श्रीमती वन्दना अग्रवाल ने पुरस्कार प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन चन्द्रशेखर एवं संयोजन यशोदा पणिया ने किया।
No comments:
Post a Comment